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Remembering Mukesh on his death anniversary

News Nation Bureau New Delhi 27 August 2016, 02:12:50 PM
The Voice with Midas touch, Remembaring Mukesh on 40th death anniversary

मुंबई. "एक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल...", "जीना यहां, मरना यहां..." जैसे मशहूर गीत गाने वाले सिंगर मुकेश की आज 40वीं पुण्यतिथि है। साल 1976 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था लेकिन उनकी मखमली आवाज़ का जादू आज भी कायम है। उनके एक से बढ़कर एक गानें आज भी लोगों के दिलों में उनकी मौजूदगी का अहसास कराते हैं।

The Voice with Midas touch, Remembaring Mukesh on 40th death anniversary

22 जुलाई 1923 को जन्मे मुकेश ने पहली बार अपनी दीदी की शादी में गाना गाया था। इसी वक्त उनके एक रिश्तेदार और जाने-माने एक्टर मोतीलाल को यह अहसास हुआ कि मुकेश की मंजिल कहीं और नहीं बल्कि मुंबई है। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा।

The Voice with Midas touch, Remembaring Mukesh on 40th death anniversary

मुंबई में काफी दिनों तक स्ट्रगल करने के बाद फिल्म 'पहली नजर' में गाने का मौका मिला। जब 'दिल जलता है तो जलने दो' गीत आया तो दर्शकों और श्रोताओं ने इसे खूब पसंद किया। यही नहीं ये गाना उनकी लाइफ का टर्निंग प्वॉइंट भी बना। 

The Voice with Midas touch, Remembaring Mukesh on 40th death anniversary

मुकेश को फिल्म फिल्म रजनीगंधा के मशहूर गीत 'कई बार यूं ही देखा है...' के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया।  

The Voice with Midas touch, Remembaring Mukesh on 40th death anniversary

मुकेश ने 1940 से 1976 के बीच सैकड़ों फिल्मों के लिए गीत गाए। राज कपूर उन्हें अपनी आत्मा कहते थे। क्योंकि मुकेश की आवाज राज कपूर की पहचान बन गई थी। मन्ना डे और मोहम्मद रफी जैसे बेहतरीन सिंगर के दौर में भी मुकेश ने अपना एक खास मकाम बनाया। 4 दशक बीतने के बाद भी लोग आज भी उनके गीतों को गुनगुनाते हैं। 

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