New Update
/newsnation-english/media/post_attachments/images/2023/11/02/indrani-694.jpg)
Indrani Balan Foundation in Baramulla( Photo Credit : Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Indrani Balan Foundation in Baramulla( Photo Credit : Social Media)
डैगर परिवार स्कूल, बारामूला के विशेष रूप से विकलांग बच्चों की देखभाल के लिए डिज़ाइन किया गया एक ऐसा केंद्र है, जिसमें वर्तमान में विभिन्न चिकित्सा स्थितियों वाले १०३ बच्चे हैं। यह स्कूल चिनार कोर और इंद्राणी बालन फाउंडेशन, पुणे की एक संयुक्त पहल है, इसकी स्थापना 20 अक्टूबर, 2021 को की गई थी। इस विशेष विद्यालय के विशेष वार्षिक समारोह में जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन, अध्यक्ष इंद्राणी बालन फाउंडेशन, पुणे, के साथ ही अन्य नागरिक और सेना अधिकारी तथा बच्चों के माता-पिता उपस्थित थे। इस समारोह में विशेष रूप से सक्षम बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्कूल की स्थापना प्रतिभाशाली बच्चों को अपनी दुनिया फिर से बनाने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। विशेष रूप से सक्षम छात्रों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि उन्हें मुख्य धारा और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में एकीकृत किया जा सके। शिक्षकों और प्रबंधन की कड़ी मेहनत और समर्पण से अब तक इस स्कूल से आठ बच्चों का स्थानांतरण विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों में हो चुका है।
इंद्राणी बालन फाउंडेशन की संस्थापक जान्हवी धारीवाल बालन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फाउंडेशन ने सेना के सहयोग से ११ स्कूल स्थापित किए हैं, जिनमें से एक विशेष रूप से, विकलांग बच्चों के लिए है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों में सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक क्षमताएं हैं, लेकिन उन्हें कई उचित अवसर प्रदान करना फाउंडेशन का, संस्था का मुख्य उद्देश्य है, जिससे वे अधिक तरक्की कर सके।
जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन मेजर जनरल राजेश सेठी ने कहा कि सेना, इंद्राणी बालन फाउंडेशन के सहयोग से, निश्चित रूप से स्कूल के बुनियादी ढांचे को उन्नत करेगी ताकि ऐसे अधिक बच्चों को यहां अवसरों का पता लगाने का, खुदकी प्रतिभाओं में वृद्धि करने का मौका मिल सके। दिव्यांग बच्चों के माता-पिता में से एक ने भारतीय सेना और फाउंडेशन के काम की सराहना की। उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पालन-पोषण की चुनौतियों को साझा किया। स्कूल ने ऐसे माता-पिताओ को आशा दी है।
इंद्राणी बालन फाउंडेशन के अध्यक्ष पुनीत बालन ने कहा, "इंद्राणी बालन फाउंडेशन द्वारा संचालित स्कूलों के माध्यम से कश्मीर की एक नई पीढ़ी का निर्माण हो रहा है। कश्मीरी छात्रों में निश्चित रूप से प्रतिभा है। इसलिए हमारा मानना है कि आतंकवाद के साये में पले-बढ़े ये छात्र भविष्य में ऐसे रत्न बनेंगे जो भारत को आगे ले जाएंगे। इसलिए, हम भविष्य में कुछ और स्कूल शुरू करने की योजना बना रहे हैं।"
इंद्राणी बालन फाउंडेशन के अध्यक्ष, पुनित बालन ने कहा, "इंद्राणी बालन फाउंडेशन द्वारा संचालित स्कूलों के माध्यम से कश्मीर की एक नई पीढ़ी को आकार दिया जा रहा है। कश्मीरी छात्रों में निश्चित रूप से प्रतिभा है और वे इसे प्रदर्शित करने के लिए मंच के हकदार हैं। इसलिए, फाउंडेशन इन छात्रों का समर्थन करना चाहता है जो लंबे समय से आतंकवाद से प्रभावित हैं। हमारा मानना है कि ये छात्र भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें अधिक समृद्ध कश्मीर बनाने में हम मदद करना चाहते हैं। इसलिए, भविष्य में हम और अधिक स्कूल खोलने का इरादा रखते हैं।''