भारत में 1.3 बिलियन से अधिक लोग रहते हैं, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में अनुमानित 62 मिलियन लोग किसी न किसी रूप में दृष्टि दोष से प्रभावित हैं. इनमें से कई मामले रोके जा सकते हैं या उपचार योग्य हैं, लेकिन नेत्र देखभाल सेवाओं तक पहुंच कई लोगों के लिए एक चुनौती बनी हुई है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में.
भारत में नेत्र चिकित्सक रोगियों को व्यापक नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करके और नेत्र स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देकर और नियमित नेत्र जांच के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इस चुनौती को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
सौभाग्य से, भारत में अत्यधिक कुशल और अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों (नेत्र चिकित्सक) का भी खजाना है. हर साल, विभिन्न नेत्र रोग विशेषज्ञ अपने असाधारण काम और क्षेत्र में योगदान के लिए मान्यता और पुरस्कार प्राप्त करते हैं. इस वर्ष, हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा डॉ. संजय चौधरी को ‘वर्ष का श्रेष्ठ नेत्र विशेषज्ञ’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
35 से अधिक वर्षों से नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत, Eye7 Group of Eye Hospitals के संस्थापक और निदेशक डॉ संजय चौधरी प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ और मोतियाबिंद व अपवर्तक सर्जरी (Refractive Surgery) के अग्रणी चिकित्सक हैं. Eye7 Group अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त भारत की सबसे उन्नत नेत्र अस्पताल श्रृंखला में से एक है जो दुनिया भर के रोगियों को समस्त नेत्र उपचार सेवाएं प्रदान करता है.
लेसिक और चश्मा हटाने की अन्य सर्जरी भारत में तेजी से लोकप्रिय हो गई है, क्योंकि लोग अपनी दृष्टि दोष में सुधार करना और चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस पर अपनी निर्भरता कम कर उससे छुटकारा पाना चाहते है . यह डॉ. चौधरी के बिना संभव नहीं हो सकता था, जिन्हें भारत में नवीन तकनीक और प्रौद्योगिकियां (Techniques and Technologies) को पेश करने के लिए भी जाना जाता है. इतना ही नहीं, डॉ. चौधरी दुनिया की सबसे उन्नत लेजर से चश्मा हटाने की तकनीक, कंटूरा विजन को भारत में लेकर आये . डॉ. चौधरी अभी तक 80,000 से अधिक लोगों की आँखों का ऑपरेशन कर उन्हें चश्मे से निजात दिला चुके हैं. वह भारत के उन सर्जनों में से एक हैं जो आँखों की लेंस इम्प्लांटेशन सर्जरी कर सकते हैं, ICL जो एक अत्यधिक उन्नत तकनीक है जो उच्च मायोपिया वाले रोगियों की आँखों को बेहतर बना कर उनके देखने की क्षमता को बेहतर कर सकती है . डॉ. चौधरी लगातार 8 वर्षों (2014 से 2022) तक भारत में सर्वाधिक आईसीएल- सर्जरी करने के लिए भारतीय रिकॉर्ड बुक में शामिल किया गया है. डॉ. चौधरी स्विट्जरलैंड में ICL के उत्पादन प्लांट का दौरा करने और वैश्विक फेकिक IOL रिसर्च टीम का हिस्सा बनने वाले दुनिया के पहले नेत्र चिकित्सक भी हैं. वह उन्नत मोतियाबिंद सर्जरी तकनीकों जैसे फेकोमल्सीफिकेशन और फेमटोसेकंड लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी के भी विशेषज्ञ हैं. वह भारत में नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी शुरू करने वाले पहले कुछ मोतियाबिंद सर्जनों में से एक हैं.
7 साइट फाउंडेशन जो आँखों के उपचार का चैरिटी अस्पताल है के संस्थापक डॉ. चौधरी के मार्गदर्शन में अभी तक दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 4,000 से अधिक रोगियों को मुफ्त व्यापक नेत्र जांच और उपचार प्रदान किया जा चुका है.
डॉ. चौधरी से इलाज कराने वाले मरीज न केवल उनके प्रशंसक बन जाते है बल्कि उन्हें दयालु, देखभाल करने वाला और अत्यधिक कुशल व्यक्तित्व बताते हैं. वह अपने मरीजों की समस्या को सुनने के लिए पूरा समय देते हैं और उसी के आधार पर व्यक्ति विशेष को व्यक्तिगत उपचार योजना प्रदान करते हैं. नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान ने कई रोगियों को अपनी दृष्टि वापस पाने और बेहतर, उच्च जीवन जीने में मदद की है .
अपने रोगियों और नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में उनका यही समर्पण उन्हें सबसे अलग बनाता है और शायद यही वजह है कि हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा उन्हें वर्ष का सर्वश्रेष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ चुना गया है.