कैसे बने मेघराज सिंह रॉयल रेगिस्तान में एक शेफ से अरबपति बिजनेसमैन

Meghraj Singh Royal का जन्म 1958 में राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला के रॉयल नामक गांव में हुआ, उनका शुरुआती जीवन विलासिता से कोसों दूर था। उनके पिता, जो उन्हें शिक्षक बनते देखना चाहते थे और यह उनका एक सपना भी था

author-image
Anurag Tiwari
New Update
Meghraj Singh Royal

Meghraj Singh Royal का जन्म 1958 में राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला के रॉयल नामक गांव में हुआ, उनका शुरुआती जीवन विलासिता से कोसों दूर था। उनके पिता, जो उन्हें शिक्षक बनते देखना चाहते थे और यह उनका एक सपना भी था, वह कभी यह नहीं सोच पाए कि Meghraj Singh ने जो आतिथ्य (hospitality) और व्यवसाय (business) का क्षेत्र चुना है उसका क्या होगा और उसके परिणाम क्या होंगे ।



मेघराज सिंह शेखावत, जिन्हें Meghraj Singh Royal के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने एक साधारण सी शुरुआत की और लेकिन आज एक बड़े व्यवसायी (businessman) बनने तक का सफर तय किया। उनकी कहानी दृढ़ता, दूरदर्शिता और सफलता की अथक खोज का प्रमाण है। मेघराज सिंह शेखावत, जिन्हें आमतौर पर मेघराज सिंह रॉयल के नाम से जाना जाता है, ने अपने करियर को एक साधारण रसोइए से बदलकर अब 300 करोड़ रुपये के बड़े व्यवसाय के समूह के प्रमुख के रूप में बदल दिया है जिसके कारण बाद में उन्होंने विविधता लाई और 1992 में जैसलमेर का पहला पांच सितारा होटल खोला और इसका नाम गोरबंध पैलेस रखा। 

मेघराज सिंह रॉयल (Meghraj Singh Royal) ने कहा - “मेरा दृष्टिकोण हमेशा लेंडर्स और कर्मचारियों को हितधारक बनाना, वफादारी और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देना रहा है। मेरा जुनून आतिथ्य (hospitality) में है, भविष्य में भी मैं इसका निरंतर विस्तार करूँगा”

वित्तीय चुनौतियों और बढ़ते कर्ज के बावजूद, मेघराज के अभिनव दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें लक्जरी सूर्यगढ़ होटल सहित एक सफल व्यापारिक साम्राज्य बनाने में मदद की। उनके बेटे, मानवेंद्र और राघवेंद्र, इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

  

क्लिनिरी (Culinary) की शुरुआत

 

Meghraj Singh Royal का पाककला या भोजन बनाने की कला की दुनिया में प्रवेश लगभग संयोग से शुरू हुआ था। 1977 में शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा छूटने के बाद, उन्होंने जयपुर में फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट में होटल मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लिया और भारत लौटने के बाद, उन्होंने जयपुर में राम बाग पैलेस और गवर्नर हाउस जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर काम करना जारी रखा।



उद्यमी उद्यम - विस्तार और विविधीकरण (Entrepreneurial Ventures - Expansion and Diversification)



Meghraj Singh Royal के करियर में निर्णायक क्षण तब आया जब उन्होंने आतिथ्य व्यवसाय (Hospitality Business ) में कदम रखा। 1986 में, उन्होंने जैसलमेर में अपना पहला रेस्तरां, ‘ट्रायो’ खोला, जो एक शीर्ष पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा था। इस उद्यम से उनके शेफ से एक व्यवसायी बनने की शुरुआत हुई। उनके गहरे व्यावसायिक कौशल ने उन्हें नारायण विलास को लीज पर लेने और इसे एक संपन्न आतिथ्य उद्यम (complete hospitality business) में बदलने के लिए प्रेरित किया। ट्रायो के साथ मेघराज की सफलता ने उन्हें और विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

Meghraj Singh Royal ने कहा - 

“मैंने 1992 में जैसलमेर का पहला पाँच सितारा होटल गोरबंध पैलेस खोला, हालाँकि, मेरी सीमाएँ केवल आतिथ्य तक ही सीमित नहीं थीं; मैंने अपने व्यवसाय पोर्टफोलियो को शराब वितरण, संगमरमर खनन, टोल संग्रह और सड़क निर्माण में विविधता प्रदान की। भारी कर्ज और उद्योग के प्रतिरोध सहित महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, मेरे निरंतर आत्मविश्वास और आश्वासन ने मुझे उन सभी बाधाओं को दूर करने में मदद की जो मेरे रास्ते में आईं।

आज, मेघराज सिंह रॉयल के व्यापारिक साम्राज्य में सूर्यगढ़ पैलेस और बीकानेर में नरेंद्र भवन जैसी कई शानदार संपत्तियां शामिल हैं, जो मशहूर हस्तियों के लिए एक पसंदीदा विवाह स्थल है। अपने व्यापारिक कार्यों से परे, मेघराज राजपूत विकास परिषद के माध्यम से परोपकारी गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं, जिसका उद्देश्य राजस्थान में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। रेगिस्तान में एक शेफ से सफल कारोबारी बनने तक मेघराज सिंह रॉयल की यात्रा महत्वाकांक्षा, दृढ़ता और रणनीतिक दृष्टि की एक प्रेरक कहानी रही है। उनकी कहानी चुनौतियों को अवसरों में बदलने की एक अभिनव सोच और समर्पण की क्षमता को चिन्हित करती है।

brand story