एकम्स परिवार अपने वीर जवानों की शहादत को याद करते हुए उनके योगदान और उनके अद्भुत शौर्य व साहस को शत - शत नमन करता है।

ऑपरेशन विजय की शानदार कामयाबी हमें, कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र), राइफलमैन संजय कुमार (परमवीर चक्र), व ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परमवीर चक्र) जैसे अनेक अमर योद्धाओं की याद दिलाती है

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Sartaj Singh
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कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई), भारत के लिए वीरता, बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है। ऑपरेशन विजय की शानदार कामयाबी हमें, कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र), राइफलमैन संजय कुमार (परमवीर चक्र), व ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परमवीर चक्र) जैसे अनेक अमर योद्धाओं की याद दिलाती है, जिनकी कुर्बानियों की बदौलत कारगिल आज भी भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है। एकम्स परिवार अपने वीर जवानों की शहादत को याद करते हुए उनके अतुलनीय योगदान के प्रति कृतज्ञता अर्पित करता है और उनके अद्भुत शौर्य व साहस को शत - शत नमन करता है।

एकम्स, फार्मास्यूटिकल विनिर्माण में सदा ही एक अग्रणी संस्था रही है, साथ ही विश्वपटल पर भारतीय मैन्युफैक्चरिंग और भारतीय फार्मा उद्योग की अद्भुत क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती आ रही है। भारतीय बाज़ार में अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं की मांग के 10% से ज्यादा के हिस्से की आपूर्ति विगत कई वर्षों से एकम्स द्वारा की जा रही है। कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग आर्गेनाइजेशन (CDMO) के तौर पर एकम्स आज भारत ही नहीं वरन विश्व में एक सुप्रसिद्ध और विश्वसनीय नाम है। 1500 से ज्यादा ब्रांड्स और क्लाइंट्स के आत्मविश्वास के साथ एकम्स लगातार आगे बढ़ रहा है। सन 2004 में जब एकम्स अस्तित्व में आया तब उसकी स्थापना के प्रमुख पहलुओं में राष्ट्रसेवा व देश के विकास में योगदान अहम् कारक थे। 

एकम्स की स्थापना के पीछे दो प्रमुख उद्देश्य थे, पहला भारतीय बाज़ारों में अच्छी गुणवत्ता की स्वदेशी दवाओं को सही दामों में उपलब्ध करवाना, दूसरा, देश में रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध करवाना। एकम्स के मार्गदर्शक स्वर्गीय श्री डी सी जैन जी की प्रेरणा और संस्थापक श्री संजीव जैन जी और श्री संदीप जैन जी के अथक परिश्रम व लगन से एकम्स अपने मूल स्वरूप में आ सका। उस समय पर दवा विनिर्माण फैक्ट्री का लक्ष्य सुनने में असाधारण प्रतीत होता था किन्तु राष्ट्रप्रेम की भावना के आगे ये सरल, सुगम और संभव होता चला गया। संस्थापक श्री संजीव जैन जी व श्री संदीप जैन जी ने राष्ट्रप्रेम की भावना का मान बढ़ाते हुए 'राष्ट्रप्रथम' शब्द को रजिस्टर्ड करवाया हुआ है। एकम्स परिवार हर राष्ट्रपर्व को सदैव गर्व, हर्षोउल्लास और अद्वितीय ऊर्जा के साथ मनाता है। 

एकम्स के सिडकुल स्थित प्लांट, प्योर एंड क्योर हेल्थ्केयर के प्रांगण में 108 फुट का तिरंगा गर्व से खड़ा है, जो राष्ट्र के प्रति हमारी भावनाओं को परिलक्षित करता है। एकम्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री संदीप जैन जी की अगुवाई में प्रतिवर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को एकम्स के प्रांगण में झंडारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। संस्था की ओर से सभी कर्मचारियों को तिरंगा झंडा और मिठाईयां बांटी जाती हैं और सभी कर्मचारी तिरंगे को शान से घर ले जाते हैं और पूर्ण सम्मान के साथ रखते हैं। संपूर्ण एकम्स परिवार की ऊर्जा, साज-सज्जा और हर्ष, राष्ट्रदिवसों के ऐसे सुअवसरों पर देखते ही बनती है। संस्था की बढ़ती हुई क्षमता, रोज़गार के नए अवसर प्रदान करने की परंपरा और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की निर्बाध आपूर्ति आज भी एकम्स की राष्ट्रभावना के साथ गतिमान है।


एकम्स सदा ही राष्ट्रप्रेम की भावना से ओत-प्रोत रहा है, यहाँ का हर कर्मचारी राष्ट्रसेवा को अपना पहला आदर्श मानकर कार्य करता है। मानव जीवन की सुरक्षा व उत्थान हेतु, अच्छी गुणवत्ता वाली दवाइयों का निर्माण अपने आप में एक महान कार्य है जिससे किसी और भावना की आवश्यकता नहीं है किन्तु इससे बढ़कर एकम्स का हर कर्मचारी इस भावना के साथ काम करता है कि वो राष्ट्रसेवा में अपना योगदान दे रहा है।  इसका सबसे बड़ा प्रमाण तब संज्ञान में आया जब कोविड व लॉकडाउन की अनदेखी व अनसुनी स्थिति से हम सभी का साक्षात्कार हुआ। कोविडकाल की विषम परिस्थितियों में भी कर्मचारियों ने दुगुनी ऊर्जा के साथ काम किया और 100% उपस्थिति का एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया जो आज भी ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट के लिए एक आदर्श उपस्थिति की उपलब्धि को दर्शाता है।

संस्थापक व मैनेजिंग डायरेक्टर श्री संदीप जैन जी के निर्देशन में 500 बिस्तरों का आपातकालीन अस्पताल केवल 3 दिनों के अंदर निर्मित किया गया। आक्सीजन सिलिंडर्स से लेकर सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ कोविड के समय जरुरतमंदों को हरसंभव सहायता प्रदान की गयी और इसमें भी हमारे सभी कर्मचारियों ने बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिया। राष्ट्रप्रेम भारतवासियों के लिए केवल एक शब्द नहीं हैं, यह एक पवित्र भावना है और एकम्स के सभी कर्मचारी इस भावना को न सिर्फ पूजते हैं बल्कि अपनी सामाजिक, नैतिक व मौलिक जिम्मेदारियों के अवसरों पर पूर्ण सम्मान भी देते हैं। सभी एकमशियन्स के लिए राष्ट्रसेवा प्रथम है और जहाँ ‘राष्ट्रप्रथम’ हो वहां राष्ट्र के विकास में गतिशीलता स्वयं ही उत्पन्न हो जाती है। संस्थापक आज भी राष्ट्रप्रेम को ही अपनी पूँजी और आत्मशक्ति मानते हैं और एकम्स के विकास को देश के विकास में अपनी ओर से तुच्छ योगदान के तौर पर देखते हैं। 

कारगिल विजय दिवस हर भारतीय के दिल में विशेष स्थान रखता है, यह केवल इतिहास का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह हमें आज भी देशभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और साहस का पाठ पढ़ाता है। सन 1999 में राष्ट्र की सम्प्रभुता को चुनौती देते हुए और भारतीय भू-भाग पर अनाधिकृत कब्ज़े के दुश्मन के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करते हुए, हमारे वीर जवानों ने तिरंगे के मान को बनाये रखा। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के दौरान विषम परिस्थितियों में भी न सिर्फ अपनी सीमाओं को सुरक्षित किया बल्कि दुश्मन देश के कुचक्र को भी विश्व के सामने रखकर प्रमाणित किया। कारगिल में भारत के वीर सैनिकों ने अपनी प्राणाहुति द्वारा जो विजयश्री हमें प्रदान की वह हमें विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने की अनमोल प्रेरणा प्रदान करती है। संपूर्ण एकम्स परिवार भारत माँ के अमर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि देता है और अश्रुपूरित आँखों से उनकी शहादत को नमन करता है। 

भारत राष्ट्र के प्रमुख कवियों में से एक स्वर्गीय श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी की चर्चित कविता "पुष्प की अभिलाषा" की निम्नलिखित पंक्तियाँ राष्ट्रप्रेम की भावना और एकम्स की राष्ट्रप्रथम की नीतियों को ठीक - ठीक परिलक्षित करती हैं। 

"मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएं वीर अनेक।"
जय हिन्द! जय भारत!

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