उद्योगों की डिजिटल क्रांति में ब्लॉकचेन की भूमिका: श्री ब्रिजमोहन सिंह का भविष्यदृष्टि

ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत तकनीक है, जो किसी एक संस्था के नियंत्रण से परे, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से लेन-देन और डेटा प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है।

author-image
Sartaj Singh
New Update
ब्रिजमोहन सिंह

ब्रिजमोहन सिंह

 जैसे-जैसे दुनिया डिजिटल युग की ओर तेज़ी से बढ़ रही है, ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी क्रांति बनकर उभर रही है, जो वैश्विक उद्योगों की नींव को नए सिरे से गढ़ रही है। पारंपरिक व्यापार प्रणाली अब एक ऐसे परिवर्तन के दौर से गुजर रही हैं जहाँ डेटा, सुरक्षा, पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता की मांग पहले से कहीं अधिक है — और इसी आवश्यकता को ब्लॉकचेन पूरी कर रहा है।

ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत तकनीक है, जो किसी एक संस्था के नियंत्रण से परे, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से लेन-देन और डेटा प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है। यह तकनीक न केवल वित्तीय क्षेत्र बल्कि लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर, कृषि, रियल एस्टेट और सरकारी ढांचे में भी अपनाई जा रही है।

वैश्विक स्तर पर इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। 2021 में ब्लॉकचेन उद्योग का आकार जहां $4.9 बिलियन था, वहीं यह 2025 तक $67.4 बिलियन और 2029 तक $248.9 बिलियन तक पहुंचने की संभावना दर्शाई जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाला समय ब्लॉकचेन पर आधारित उद्योगों का होगा।

भारत में भी इस तकनीक को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। महामारी के दौरान डिजिटल समाधान और सुरक्षित लेन-देन की मांग में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली। परिणामस्वरूप, न केवल निवेशकों की रुचि बढ़ी बल्कि उद्योगों ने भी इस तकनीक को अपनाने में रुचि दिखाई। आज 90 करोड़ से अधिक लोग डिजिटल एसेट्स का उपयोग कर रहे हैं और 2025 तक यह संख्या 1 अरब को पार करने की उम्मीद है।

इस विषय पर बोलते हुए भारत के अग्रणी ब्लॉकचेन विशेषज्ञ श्री ब्रिजमोहन सिंह ने कहा, “यदि भारत की युवा शक्ति समय रहते इस तकनीक को समझे और अपनाए, तो यह न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी योगदान भी देगा।”
उद्योग जगत में ब्लॉकचेन से जुड़े प्रोफेशनल्स की भारी मांग है — जैसे कि डेवलपर्स, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट विशेषज्ञ, डिजिटल एसेट मैनेजर्स और लीगल कंसल्टेंट्स। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस क्षेत्र में नौकरियों में 400% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदम, जैसे डिजिटल रुपया (CBDC) का लॉन्च और ब्लॉकचेन आधारित भूमि पंजीकरण प्रणाली, यह दर्शाते हैं कि भारत भविष्य की ओर बढ़ने को तैयार है। हालांकि, श्री सिंह यह भी मानते हैं कि इन पहलों को तभी बल मिलेगा जब शिक्षा व्यवस्था, स्टार्टअप्स और MSMEs को इस दिशा में संगठित समर्थन मिले।

ब्लॉकचेन अब केवल एक तकनीकी खोज नहीं है — यह एक विकासशील सोच है, जो विकेंद्रीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पर आधारित है। यह उद्योगों को स्थायित्व, दक्षता और विश्वसनीयता की ओर ले जाने में सक्षम है।

भारत इस परिवर्तन का नेतृत्व कर सकता है — आवश्यकता है तो केवल समय रहते निर्णय लेने की।
 

 

brand story