समर्पण और सेवा के प्रतीक: गुरचरण सिंह (राजू)

गुरचरण सिंह का जीवन समाज सेवा का पर्याय है। उन्होंने अपने प्रयासों से यह साबित किया है कि सच्चा नेतृत्व केवल सत्ता प्राप्त करने में नहीं, बल्कि जनता की भलाई के लिए काम करने में निहित है।

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Anurag Tiwari
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गुरचरण सिंह

गुरचरणसिंह (राजू) काजीवनसमाजसेवाकापर्यायहै।उन्होंनेअपनेप्रयासोंसेयहसाबितकियाहैकिसच्चानेतृत्वकेवलसत्ताप्राप्तकरनेमेंनहीं, बल्किजनताकीभलाईकेलिएकामकरनेमेंनिहितहै।जरूरतमंदोंकीमददसेलेकरसामुदायिकविकासतक, उन्होंनेहरकार्यकोअपनेकर्तव्यकेरूपमेंअपनाया।

उनकीसबसेबड़ीताकतहैउनकीनिस्वार्थता।वेकेवलसमस्याओंकोसमझतेहैंबल्किउनकेसमाधानकेलिएपूरीऊर्जासेकामकरतेहैं।उनकेनेतृत्वमेंकृष्णानगरमेंमहिलाओंकेलिएरोजगारसृजनकार्यक्रम, बच्चोंकीशिक्षाकेलिएछात्रवृत्तिऔरबुजुर्गोंकेलिएविशेषसुविधाएंशुरूकीगईहैं।

गुरचरणसिंह (राजू) नेअपनीसेवासेयहसंदेशदियाहैकिसच्चानेतावहीहोताहैजोजनताकेदिलोंमेंअपनीजगहबनाए।उनकादृष्टिकोणहैकिहरव्यक्तिकोसमानअवसरमिलेऔरक्षेत्रमेंऐसावातावरणबनेजहांहरकोईसम्मानऔरगरिमाकेसाथरहसके।

उनकीसेवाएंऔरसमर्पणउन्हेंकृष्णानगरकासच्चानेताबनातेहैं।

Gurucharan Singh