कश्मीर में 'गणपतियार ट्रस्ट' में गणेशोत्सव मनाने के लिए हमने पुणे में सात मंडलों को एक साथ जोड़कर इस मूर्ति प्रदान समारोह का आयोजन किया है। इस समारोह के चलते इस साल कश्मीर में डेढ़ दिवसीय गणेशोत्सव मनाया जाएगा । श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के ट्रस्टी और उत्सव प्रमुख पुनीत बालन ने राय व्यक्त की, कि यह गणेशोत्सव कश्मीर क्षेत्र में सुख, समृद्धि और शांती लाएगा।
सार्वजनिक गणेशोत्सव की नीव रखने वाले श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट और पुणे के छह गणेश मंडलों ने मिलकर इस साल कश्मीर में सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने का फैसला किया है। इसलिए श्रीनगर के गणपतियार मंदिर के संदीप कौल और शिशांत चाको को पुणे के ग्राम देवता कसबा गणपती सार्वजनिक मंडल के बप्पा की प्रतिकृति सौंपी। इस साल कश्मीर में गणेशोत्सव डेढ़ दिन तक मनाया जाएगा। इसके लिए सात मंडलों कसबा गणपती मंडल, तांबडी जोगेश्वरी गणपती मंडल, गुरुजी तालीम गणपती मंडल, तुलसीबाग गणपती मंडल, केसरीवाड़ा गणपती मंडल, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती मंडल, अखिल मंडई मंडल ने पहल की है। इसके तहत गुरुवार को ये सभी मंडल एक साथ आए और कश्मीर के लिए मूर्ति दान की। श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती ट्रस्ट में कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इससे पहले अभेद्य ढोलताशा टीम ने जोर-शोर से वादन किया।
इस अवसर पर श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के ट्रस्टी, उत्सव प्रमुख पुनीत बालन, ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जावले, कसबा गणेश मंडल के अध्यक्ष श्रीकांत शेटे, ग्राम देवता तांबडी जोगेश्वरी मंडल के अध्यक्ष प्रसाद कुलकर्णी, गुरुजी तालीम मंडल के अध्यक्ष प्रवीण परदेशी, तुलसीबाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के कोषाध्यक्ष नितिन पंडित, केसरी गणेशोत्सव प्रतिनिधि अनिल सकपाल, अखिल मंडई मंडल के अध्यक्ष अन्ना थोरात और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
इस मौके पर कश्मीर के गणपतियार ट्रस्ट के संदीप कौल ने कहा, हम पुणे के गणेशोत्सव मंडलों की पहल के साथ कश्मीर में पहली बार गणेशोत्सव मना रहे हैं। हम इससे खुश हैं। लाल चौक से पांच सौ मीटर दूर प्रसिद्ध गणपतियार मंदिर में हम आगामी गणेश चतुर्थी पर इस मूर्ति को विधि-विधान से स्थापित करेंगे और डेढ़ दिन बाद इसका विसर्जन किया जाएगा। यह पहली बार है जब कश्मीर में इस तरह से गणेशोत्सव मनाया जाएगा।
इस मौके पर श्रीकांत शेटे ने कहा, कश्मीर देश का स्वर्ग है, यहां सुख समृद्धि बढ़ने के लिए बप्पा का आशीर्वाद है, बप्पा के आशीर्वाद के रूप में यह मूर्ति प्रदान की गई है। हम सब मिलकर एक उन्नत, सशक्त, शांतिपूर्ण, खुशहाल कश्मीर के लिए बप्पा की यह मूर्ति दे रहे हैं।
इस मौके पर अन्ना थोरात ने कहा, पुणे की तरह कश्मीर में भी गणेशोत्सव मनाने के लिए यह पहल की गई है। हमारा मानना है कि जैसे पुणे में सभी धर्म के लोग साथ मिलकर गणेशोत्सव मनाते हैं, वैसे ही कश्मीर में भी गणेशोत्सव मनाया जाना चाहिए।
"भारत में, गणेशोत्सव की शुरुआत पुणे के श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी और लोकमान्य तिलक ने की थी। आज, वही गणेशोत्सव अन्य देशों में भी मनाया जाता है। तो यह हमारे अपने देश, कश्मीर में क्यों नहीं है? और इसीलिए हम सभी सम्मानित मंडलों ने कश्मीर में गणेशोत्सव मनाने का निर्णय लिया है। हमे विश्वास है की कश्मीर में मनाएं गणेशोत्सव के इस माध्यम से कश्मीर घाटी में सामाजिक सौहार्द तो बढ़ेगा ही, साथ ही सुख-समृद्धि भी बढ़ेगी। " - पुनीत बालन (उत्सव प्रमुख, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपती मंडल)